01 March, 2020

तुम आना

तुम आना पहली बारिश कि तरह
जो महकती हवाएँ ले आये
तुम जाना डूबते सूरज कि तरह
जो आसमाँ में चन्द सितारे छोड़ जाए

तुम आना बीतते उस लम्हे कि तरह
जो भागती हुई ज़िंदगी को थाम ले
तुम जाना जाना नींद के उस पल कि तरह
जो चुपचाप सपनो कि दुनिया में ले जाये

तुम आना तूफ़ां की कि तरह
जिसका आगाज़ दूर से हो
तुम जाना गूँज कि तरह
ज़रा हौले से

अगर जाने-आज़माने का इरादा है
तो फिर कभी और आना
तुम आना तो पूरी तरह आना
या तो आना ही मत

विशाल गुप्ता
16-02-2020