26 January, 2017

किस्सा बना

बहकता सा जाम
नशे में है शाम
बातें हैं ये बेपरवाही की
अब ये रात सो ना पाएगी

किस्सा बना, कहानी बनी
हर मोड़ पे, निशानी बनी

किस्सा बना, कहानी बनी
हर मोड़ पे, निशानी बनी
दोनो मिले, उनकी ठनी
के हम ये बात सुनायें

बहकता सा जाम
नशे में है शाम
बातें हैं ये बेपरवाही की
अब ये रात सो ना पाएगी

दिल ना मिले, नज़रें मिली
लव ना मिले, बातें बनी

दिल ना मिले, नज़रें मिली
लव ना मिले, बातें बनी
बातों में ये कहानी बनी,
उन दोनो की रवानी बनी

बहकता सा जाम
नशे में है शाम
बातें हैं ये बेपरवाही की
अब ये रात सो ना पाएगी

सुबह हुई, शामें हुई
शामों से फिर, रातें मिली

सुबह हुई, शामें हुई
शामों से फिर, रातें मिली
पर उन बिन ना रातें कटी
लो हम चलें, उनकी गली

बहकता सा जाम
नशे में है शाम
बातें हैं ये बेपरवाही की
अब ये रात सो ना पाएगी

विशाल गुप्ता