16 April, 2013

अब कहना है अलविदा प्रिये

I write this as a sequel to a poem I read an year ago. I hope the legacy will continue.

अब कहना है अलविदा प्रिये

अब कहना है अलविदा प्रिये, याद आएगा ये समा प्रिये

वो First Year की Labs
वो देर रात की chats
वो Societies के selection
वो Mid Sem की Tension
वो NSS का camp
वो room पे आया damp
वो Vikramshila में class
वो wing की भाट
वो seniors वो professors वो बचे सभी curse

अब कहना है अलविदा प्रिये, याद आएगा ये समा प्रिये

वो पहले SF की हरियाली
वो लम्बी lines की परेशानी
वो पहली गर्मी की पहली बूँद
वो पहले Tempo shout की पहली गूँज
वो Illu की रातें
वो बंदियों की बातें
वो DC की speed
वो GC में lead
वो OP देना, देना, लेना, लेना

अब कहना है अलविदा प्रिये, याद आएगा ये समा प्रिये

वो intern के load
वो room पे घुसे toad
वो 2.2 की सैर
वो Halls में बैर
वो Poltu और Publi
वो Insti Diamond Jubilee
वो Cheddis पे सुबह बिताना
वो classes के बीच Tikka जाना
वो Sahara वो Heritage वो CCD

अब कहना है अलविदा प्रिये, याद आएगा ये समा प्रिये

वो पहले crush से पहली बात
वो फिर 2.2 पे दिखना हर रात
वो पहले birthday की पहली लात
वो फिर treat पे जाना wing के साथ
वो पहले viva का पहला डर
वो फिर end sem में जाना night out मार कर
वो seniors के funde
वो सोना पूरे sunday
वो Dep वो Hall वो Societies

अब कहना है अलविदा प्रिये, याद आएगा ये समा प्रिये

वो mess की बिल्ली
वो Gymkahana building लाल पीली
वो हर Dep farewell पे खाने जाना
वो Hall day पे रूम सजना
वो उधारी लेकर सुट्टा मारना
वो नहाते हुए गुनगुनाना
वो full speed पर cycle चलना
वो SN के बाहर धीमे हो जाना
वो TSC वो Jnan Ghosh वो Vikramshila

अब कहना है अलविदा प्रिये, याद आएगा ये समा प्रिये

वो देर रात को Kathleen जाना
वो पूरा weekend सिर्फ़ Maggi खाना
वो groups में cheer करने जाना
वो drams में पेड़ बन जाना
वो अच्छे grades वाले breadth चुनना
वो Faculty Feedback के समय भड़ास  निकालना
वो दारू पीकर टल्ली हो जाना
वो सुबह Hangover में क्लास जाना
वो Poker वो Rum वो धुआ

अब कहना है अलविदा प्रिये, याद आएगा ये समा प्रिये

वो Placement का “What the Phuck!”
वो TV series की लत
वो movies देखने Cal जाना
वो सड़कों पे गाने गाना
वो Assignments में सर खपाना
वो फिर पूरा assignment copy मारना
वो Place होने के बाद deregister हो जाना
वो Prof के सामने अपना रोना सुनना
वो फ़चपन वो OP वो POR वो आख़िरी साल

अब कहना है अलविदा प्रिये, याद आएगा ये समा प्रिये

वो छोटी आँखों से बड़े सपने देखना
वो हर छोटे बड़े मौके को परखना
वो कुछ अलग कर गुज़रने की हिम्मत रखना
वो देश की ज़रूरतों में ज़िंदगी के अवसर ढूँढना
वो दूसरों की खुशी में नाच लेना
वो हर कदम पर साथ बढ़ना
वो डरना झिझकना
वो अपने पर भरोसा करना
वो दोस्ती वो सपने वो यादें

अब जाने का हुआ वक्त प्रिये, कह चले हम अलविदा प्रिये