जीवन में एक
सितारा था
वर्षों उसे प्यार
से संवारा था
वह डूब सके
हम माने नही
अंबर के आंगन
को देखो
तारे कभी छूट
न पाये
सदियों तक ये
दिशा बताए
फिर अंतत: हमसे जुड़
जाएँ
अंबर की टोली
में क्योंकि
शोक नही कभी
होता है
जो बीत गयी
वो बात कहाँ
विशाल गुप्ता