19 March, 2015

आज दिन

Dedicated to Global MBA.

आज दिन

आज दिन है जश्न मानने का
कुछ खोने का कुछ पाने का
ज़रा दिल से गले लगाने का
मुस्कानो में अक्ष बहाने का

क्या खोया क्या पाया
अब सोचने का वक़्त है आया
आज उंकही बोल जाने दो
झूमते दिल दोल जाने दो

आज आँखें भी भर जाने दो
रोको ना इनको गाने दो
आज जी भर कर नाच भी लो
अपनो संग आखरी जाम भी लो

आज रोको ना बह जाने दो
कयामत भी देह जाने दो
कल सुबह वापस जाना है
आज, कल को भूल जाना है

आज टोको ना मुझे गाने दो
आज रोको ना सुनाने दो
आज मौका है झूम जाने का
आज दिन है, जश्न मानने का

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विशाल गुप्ता