16 November, 2012

2012

जो तुम थी तो ज़िंदगी ज़िंदगी थी
जो तुम्हारे पास आने की कोशिश की तो तुम तुम थी
जो तुमसे दूर जाने की भी मैने कोशिश की
तो जो बची वो कहानी कहानी मेरी थी

तुमसे दूर रहने का वादा कर
तुम्हारी यादों को खुदसे अलग करने का इरादा कर
कुछ कदम मैने आगे जो लिए
रास्ता तो मिला पर सामने कोई मंज़िल थी

क्या प्यार को इतना भी मुश्किल बना देना सही है
कि तुम्हारी एक तस्वीर भी खुदसे अलग कर देनी पड़े
क्या तुम्हारी खुशी इतनी ज़रूरी है
की मेरी आवाज़ कभी तुम तक पहुँच सके

वादा देने में मैं देर नही करता
ख़ासकर अगर वादा तुमसे करना हो
पर अपनी कमज़ोरियाँ भी पहचानता हूँ
इसलिए वो दे सका जिसके तुम हक़दार हो

नही कह सका तुमसे, की फिर कभी तुम्हारे सामने नही आऊंगा
कभी भूले पन्नो पर, तुम्हे अपने शब्द नही दिखाऊंगा
इसीलिए कहा था तुमसे, की तुम ही खुदको मुझसे अलग कर दो
तुम ये शायद कर भी दो, पर मैं तुमसे प्यार करना नही सीख पाऊँगा

बरसो से जो बात दिल में बसा रखी थी
जो कहानियाँ होठों में दबा रखी थी
बस एक बार तुमसे कहनी थी
लो कह दी, अब शायद सुकून से मर भी पाऊँगा

हाँ, ये सच हैं मैं खामोश तो नही था
कोई था जिसे ये कहानियाँ सुना रखी थी
या कभी दिल भरके शब्दों में,
इन कहानियों पे कवितायें भी बुना रखी थी

पर कभी सोचा था, तुम इनका बुरा मान जाओगी
कभी चाहा था, कि कभी ये तुम्हारे रास्ते में आयेंगी
इस भूल कि, मैने माफी भी माँगी थी उससे,
पर उसे प्यार थोड़े ही था, वो माफी देना सीख नही पाई थी

उसने ही सिखाया था, कि दिल की बातें छुपा के नही रखते
ज़िंदगी से कुछ चाहिए, तो माँगते नही हटते
मैने तो कुछ माँगा भी नही, पर फिर भी लगा वो कुछ दे पाई
उस "कुछ" की कमी आज भी है, वो अब तक भर पाई

एक खलिश तो है, पर साँसें नही रुकती
ये रेगिस्तान से इंतज़ार सीखती हैं
कुछ कदम आगे जो लेती हैं,
रास्ता मिलता है, पर सामने मंज़िल नही दिखती

विशाल गुप्ता
नवंबर 15, 2012

11 November, 2012

Shourav - Ambigram

To my weirdest Deppie and good friend. This series just could not have one by without you. So here it goes :)


09 November, 2012

Jyoti - Ambigram

Here's to my eldest and beloved sister. It feels good when you get the benefits of both experience and camaraderie together. There are few with such blessings. Thankfully, I am one of them. So here it goes to Jyoti Didi, Love you.


08 November, 2012

Aarzoo - Ambigram

Some people come into your life in the most unimaginable ways and become an inseparable part of it. They teach you that friendship is not only about sharing a joke or a cup of coffee or a story, it's about sharing the most honest part of yourself. Seldom you come across someone you can share that part of yourself with. This one's dedicated to that person. Who kept me sane in times of distress. Who mentored me by being my mentee. Who gave me to opportunity to share perhaps my favorite story. And even though I'm angry at you right now, I know that this friendship has and will stand the tests of time. For this is only the time which is difficult, and times change. People change. Scenarios change. Friendships don't.

This one goes to Aarzoo Gupta. Bless you!


07 November, 2012

Gaurav - Ambigram

Dedicated to my oldest friend. Don't know where life would have been today without you - Gaurav Patel


06 November, 2012

Navdeep - Ambigram

This one goes to my dear friend, philosopher and guide. The poet. The miracle lady. Navdeep Sihra.


05 November, 2012

Rathi - Ambigram

Maha-Rathi. Ma-Rathi. This one goes to Rathi, the problem to all solutions.


04 November, 2012

03 November, 2012